शुक्रवार, 5 फ़रवरी 2016

भारत के विकास में बॉलीवुड सबसे बड़ा रोड़ा

आज जब प्रत्येक देश आतंकवाद से लड़ने की तैयारी में हैं तब हमारे देश का बॉलीवुड लोगों को गुमराह और इतिहास से छेड़छाड़ में लगा है।

१. फिल्मों का इस प्रकार प्रचार जैसे फ़िल्म ही हमारे देश के सुरक्षा की परिपाटी हो।

२. देश के पैसे व्यर्थ में लगाकर देश के युवाओं का समय व्यर्थ करने की साजिस।

३. एक ऐसा उद्योग जो अपने देश का धन स्वयं लूटने का कार्य करता है।

सार्थक विश्लेषण :-

आज बॉलीवुड के पास जितनी भी संपत्ति है यदि वही संपत्ति किसानी में भी लगा दी जाय तब भी भारत के अनेक युवाओं को रोजगार मिलेगा और समयव्यर्थ की सम्भावनाएं कम होंगी।

आज फिल्मों का प्रचार इतना हो गया है कि लोग अपने उद्योग धंधे छोड़कर फ़िल्म देखने पर विवश हो गए हैं क्योंकि हमारे देश की पत्रकारिता भी आज इन फिल्मों के अधीन हो गयी है और ऐसा होना शुभ संकेत नहीं है।

पहले नेताओं के चलते युवाओं में मतभेद था और दंगे होते थे और आज तथाकथित नचनियों के चलते युवाओं में मतभेद है और दंगे हो रहे हैं। ऐसा तब सम्भव हो पाया है जब हमारे देश की मीडिया का 50% ध्यान इन नचनियों पर ही रहता है। यह भी देश के लिए बहुत ही अशुभ संकेत है।
इस पर कितना भी विश्लेषण कर लिया जाय !

अंततः निष्कर्ष यही निकलेगा कि फिल्मो से और देश के युवाओं से मात्र इतना संबंध है कि बॉलीवुड को लाभ होगा और देश के युवाओं को हानि ।

देश के युवाओं का नुकसान अर्थात् देश का 75% नुकसान।

ऐसे में हमारे देश के युवा तथा बुद्धिजीवियों के मन ये विचार क्यूँ नहीं प्रवेश कर पाते यह एक बड़ा प्रश्न है,
इस प्रश्न के उत्तर हेतु मैं आपके विचारों को सादर आमंत्रित करता हूँ !

#वन्दे_मातरम् - अंगिरा प्रसाद मौर्य।
#बॉयकाट_बॉलीवुड ,

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें